सार्थक व निरर्थक शब्द

अर्थ के आधार पर शब्द–भेद:
अर्थ के आधार पर शब्द दो प्रकार के होते हैं–
1. सार्थक शब्द –
      जिन शब्दोँ का पूरा–पूरा अर्थ समझ मेँ आये, उन्हेँ सार्थक शब्द कहते हैँ। जैसे – कमल, गाय, पक्षी, रोटी, पानी आदि।
2. निरर्थक शब्द –
      जिन शब्दोँ का कोई अर्थ नहीँ निकलता, उन्हेँ निरर्थक शब्द कहते हैँ। जैसे – लतफ, ङणमा, वाय, वंडा आदि।
      कभी–कभी एक सार्थक शब्द के साथ एक निरर्थक शब्द का प्रयोग किया जाता है, जैसे – चाय–वाय, गाय–वाय, रोटी–वोटी, पेन–वेन, पुस्तक–वुस्तक, डंडा–वंडा, पानी–वानी आदि। इन शब्दोँ मेँ आये हुए दूसरे अकेले शब्द का कोई अर्थ नहीँ निकलता। जैसे– गाय के साथ वाय और पेन के साथ वेन आदि। गाय और पेन, शब्दोँ का अर्थ पूर्ण रूप से समझ मेँ आता है जबकि वाय और वेन शब्दोँ का अर्थ समझ मेँ नहीँ आता। यदि वाय, और वेन को यहाँ से हटा दिया जाये तो भी शब्द के अर्थ पर कोई असर नहीँ पड़ेगा परन्तु ये शब्द पहले शब्द के साथ मिलकर एक विशिष्ट अर्थ देते हैँ, जो अकेले गाय और पेन नहीँ है। जैसे – गाय-वाय का अर्थ, दूध देने वाले पशु से है और पेन-वेन का अर्थ, लिखने के साधन से है।
      अर्थ के आधार पर उपर्युक्त प्रकारोँ के अतिरिक्त शब्दोँ के निम्नलिखित प्रकार भी हैँ–
(1) युग्म समानदर्शी मित्रार्थक शब्द
(2) पर्यायवाची शब्द
(3) अपूर्ण पर्यायवाची शब्द
(4) विलोम शब्द
(5) वाक्य स्थानापन्न शब्द
(6) अनेकार्थक शब्द।

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