तत्सम, तद्भव, अर्ध्द-तत्सम देशी, विदेशी एवं संकर शब्द
विकास (स्रोत) के आधार पर शब्द–भेद:
प्रत्येक भाषा का विकास निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है, जिसमें भाषा के नये–नये शब्दों का निर्माण होता रहता है। हिन्दी भाषा मेँ विकास के आधार पर शब्दोँ को छः वर्गों में विभाजित किया जाता है –
(1) तत्सम् शब्द –
हिन्दी भाषा का उद्भव संस्कृत से माना जाता है; इस कारण हिन्दी में संस्कृत के कुछ शब्द मूल रूप के समान प्रयुक्त होते हैं और इनके सहयोग से अनेक शब्दों का निर्माण किया जाता है।
जो शब्द संस्कृत से हिन्दी में बिना परिवर्तन किये अपना लिये जाते हैं, उन्हें तत्सम् शब्द कहते हैं। ‘तत्’ का आशय ‘उसके’ और ‘सम्’ का आशय ‘समान’ है। इस प्रकार जो शब्द संस्कृत के समान होते हैं या जो शब्द बिना विकृत हुए संस्कृत से ज्यों के त्यों हिन्दी भाषा में आ गये हैं, वे तत्सम् शब्द होते हैं। जैसे – भानु, प्राण, कर्म, अग्नि, कोटि, हस्त, मस्तक, यौवन, शृंगार, ज्ञान, वायु, अश्रु, ग्रीवा, दीपक आदि।
प्रत्येक भाषा का विकास निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है, जिसमें भाषा के नये–नये शब्दों का निर्माण होता रहता है। हिन्दी भाषा मेँ विकास के आधार पर शब्दोँ को छः वर्गों में विभाजित किया जाता है –
(1) तत्सम् शब्द –
हिन्दी भाषा का उद्भव संस्कृत से माना जाता है; इस कारण हिन्दी में संस्कृत के कुछ शब्द मूल रूप के समान प्रयुक्त होते हैं और इनके सहयोग से अनेक शब्दों का निर्माण किया जाता है।
जो शब्द संस्कृत से हिन्दी में बिना परिवर्तन किये अपना लिये जाते हैं, उन्हें तत्सम् शब्द कहते हैं। ‘तत्’ का आशय ‘उसके’ और ‘सम्’ का आशय ‘समान’ है। इस प्रकार जो शब्द संस्कृत के समान होते हैं या जो शब्द बिना विकृत हुए संस्कृत से ज्यों के त्यों हिन्दी भाषा में आ गये हैं, वे तत्सम् शब्द होते हैं। जैसे – भानु, प्राण, कर्म, अग्नि, कोटि, हस्त, मस्तक, यौवन, शृंगार, ज्ञान, वायु, अश्रु, ग्रीवा, दीपक आदि।
(2) तद्भव शब्द –
जो शब्द संस्कृत से उत्पन्न या विकसित हुए हैं या संस्कृत से विकृत होकर हिन्दी में प्रयुक्त किये जाते हैं, उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं। इस वर्ग में वे शब्द आते हैं जो संस्कृत भाषा से पालि, प्राकृत, एवं अपभ्रंश के माध्यम से अपना पूरा मार्ग तय करके आये हैं। जैसे – काम, आग, कबूतर, हाथ, साँप, माँ, भाई, घी, दूध, भैंस, खाट, थाली, सुई, पानी, थन, चून, आँसू, गर्दन, आँवला, गर्मी आदि।
जो शब्द संस्कृत से उत्पन्न या विकसित हुए हैं या संस्कृत से विकृत होकर हिन्दी में प्रयुक्त किये जाते हैं, उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं। इस वर्ग में वे शब्द आते हैं जो संस्कृत भाषा से पालि, प्राकृत, एवं अपभ्रंश के माध्यम से अपना पूरा मार्ग तय करके आये हैं। जैसे – काम, आग, कबूतर, हाथ, साँप, माँ, भाई, घी, दूध, भैंस, खाट, थाली, सुई, पानी, थन, चून, आँसू, गर्दन, आँवला, गर्मी आदि।
(3) अर्द्धतत्सम् शब्द –
‘अर्द्धतत्सम्’ वे शब्द होते हैँ, जो संस्कृत शब्दोँ से व्युत्पन्न या विकसित होकर सीधे ही हिन्दी भाषा मेँ आ गये हैँ। इन्हेँ मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषा परिवार मेँ सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त नहीँ हुआ, फलतः इनके रूप मेँ इतना परिवर्तन नहीँ आया, जितना तद्भव शब्दोँ के रूप मेँ आया। उधर इनका रूप वैसा भी नहीँ रह पाया जैसे तत्सम् शब्दोँ का रहा, इसलिए इन्हेँ न तत्सम् कहा जाता है और न तद्भव, इन्हेँ ‘अर्द्धतत्सम्’ की संज्ञा दी गई है। इनकी संख्या अधिक नहीँ है। जैसे –
अगिन, असमान, आँगन, आखर, कारज, किरिपा, किशुन, किसन, चंदर, चूरन, तन, तोल, बरस, भूख, मउर, लगन, लासा, लिछमन, लिछमी, वच्छ, समान।
‘अर्द्धतत्सम्’ वे शब्द होते हैँ, जो संस्कृत शब्दोँ से व्युत्पन्न या विकसित होकर सीधे ही हिन्दी भाषा मेँ आ गये हैँ। इन्हेँ मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषा परिवार मेँ सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त नहीँ हुआ, फलतः इनके रूप मेँ इतना परिवर्तन नहीँ आया, जितना तद्भव शब्दोँ के रूप मेँ आया। उधर इनका रूप वैसा भी नहीँ रह पाया जैसे तत्सम् शब्दोँ का रहा, इसलिए इन्हेँ न तत्सम् कहा जाता है और न तद्भव, इन्हेँ ‘अर्द्धतत्सम्’ की संज्ञा दी गई है। इनकी संख्या अधिक नहीँ है। जैसे –
अगिन, असमान, आँगन, आखर, कारज, किरिपा, किशुन, किसन, चंदर, चूरन, तन, तोल, बरस, भूख, मउर, लगन, लासा, लिछमन, लिछमी, वच्छ, समान।
(4) देशी या देशज शब्द –
जो शब्द स्थानीय आधार पर या ध्वनि के अनुसार गढ़ लिए जाते हैँ उन्हेँ देशी या देशज शब्द कहते हैँ। जैसे – पेड़, झगड़ा, चीलगाड़ी आदि।
जो शब्द स्थानीय आधार पर या ध्वनि के अनुसार गढ़ लिए जाते हैँ उन्हेँ देशी या देशज शब्द कहते हैँ। जैसे – पेड़, झगड़ा, चीलगाड़ी आदि।
ज्यादातर देशी और देशज, इन दोनोँ शब्दोँ मेँ अन्तर नहीँ किया जाता है। पर दोनोँ शुद्ध एक–दूसरे के पर्याय नहीँ हैँ। इनके अन्तर को समझ लेना आवश्यक है। ‘देशी’ शब्द का प्रयोग संस्कृत काल से चला आ रहा है। जिनका अर्थ है, वे शब्द जिन्हेँ संस्कृत व्याकरण के नियमोँ से सिद्ध नहीँ किया जा सके। कुछ आदिवासियोँ की भाषा के जो आर्योँ के आगमन के समय भारत मेँ निवास करते थे। इनमेँ से आस्ट्रिक जैसे कबीले तो आर्योँ के आगमन से आस्ट्रेलिया एवं इण्डोनेशिया की ओर चले गये। कुछ काल कवलित हो गये और कुछ आर्योँ मेँ घुल–मिल गये। भाषा मेँ इनका अन्तर्मिश्रण संस्कृत काल से ही प्रारम्भ हो गया था। पालि, प्राकृत और अपभ्रंश भाषाओँ मेँ तो इनकी पर्याप्त बहुलता पाई जाती है। इसलिए हेमचन्द्र को ‘देशी’ नाम माला कोष मेँ लिखना पड़ा। दूसरी ओर ‘देशज’ शब्द उन्हेँ कहा जाना चाहिए, जिनका निर्माण विभिन्न भाषा–भाषी लोगोँ ने अपनी आवश्यकतानुसार अनुकरण के आधार पर अथवा अन्य प्रकार से कर लिया है। इनको इस आधार पर एक वर्ग मेँ रखा गया है कि दोनोँ की ही व्युत्पत्ति संधिग्ध है। किसी भी ज्ञात देशीय या विदेशीय भाषा के आधार पर इन्हेँ व्युत्पन्न नहीँ किया जा सकता है।
♦ देशज शब्द :
चिड़िया, डाब, ढोलक, ओढ़ना, बाल, खाल, छोटा, घघरी, पाग, पेँट, झाड़ी, जाँटी, बेटी, तरकारी, आला, भोँपू, चीलगाड़ी, फटफटिया, टेँ–टेँ, चेँ–चेँ, पोँ–पोँ, मेँ–मेँ, टप–टप, झर–झर, कल–कल, धड़ा–धड़, झल–मल, झप–झप, अण्टा, तेँदुआ, ठुमरी, फुनगी, खिचड़ी, बियाना, ठेठ, गाड़ी, थैला, खटखटाना, ढूँढना, मूँगा, खोँपा, झुग्गी, लुटिया, चुटिया, खटिया, लोटा, सरपट, खर्राटा, चाँद, चुटकी, लौकी, ठठेरा, पटाखा, खुरपी, कटोरा, केला, बाजरा, ताला, लुंगी, जूता, बछिया, मेल–जोल, सटकना, डिबिया, पेट, कलाई, भोँदू, चिकना, खाट, लड़का, छोरा, दाल, रोटी, कपड़ा, भाण्डा, लत्ते, छकड़ा, खिड़की, झाड़ू, झोला, पगड़ी, पड़ोसी, खचाखच, कोड़ी, भिण्डी, कपास, परवल, सरसोँ, काँच, इडली, डोसा, उटपटांग, खटपट, चाट, चुस्की, साग, लूण, मिर्च, पेड़, धब्बा, कबड्डी, झगड़ा आदि।
चिड़िया, डाब, ढोलक, ओढ़ना, बाल, खाल, छोटा, घघरी, पाग, पेँट, झाड़ी, जाँटी, बेटी, तरकारी, आला, भोँपू, चीलगाड़ी, फटफटिया, टेँ–टेँ, चेँ–चेँ, पोँ–पोँ, मेँ–मेँ, टप–टप, झर–झर, कल–कल, धड़ा–धड़, झल–मल, झप–झप, अण्टा, तेँदुआ, ठुमरी, फुनगी, खिचड़ी, बियाना, ठेठ, गाड़ी, थैला, खटखटाना, ढूँढना, मूँगा, खोँपा, झुग्गी, लुटिया, चुटिया, खटिया, लोटा, सरपट, खर्राटा, चाँद, चुटकी, लौकी, ठठेरा, पटाखा, खुरपी, कटोरा, केला, बाजरा, ताला, लुंगी, जूता, बछिया, मेल–जोल, सटकना, डिबिया, पेट, कलाई, भोँदू, चिकना, खाट, लड़का, छोरा, दाल, रोटी, कपड़ा, भाण्डा, लत्ते, छकड़ा, खिड़की, झाड़ू, झोला, पगड़ी, पड़ोसी, खचाखच, कोड़ी, भिण्डी, कपास, परवल, सरसोँ, काँच, इडली, डोसा, उटपटांग, खटपट, चाट, चुस्की, साग, लूण, मिर्च, पेड़, धब्बा, कबड्डी, झगड़ा आदि।
(5) विदेशी शब्द –
विदेशी भाषाओँ से आये तत्सम् एवं तद्भव शब्द इस वर्ग मेँ रखे जाते है। दूसरे ‘विदेशी’ या विदेश शब्द का अर्थ भारतीय आर्य परिवार से मित्र भाषाएँ लिया जाना चाहिए, क्योँकि हिन्दी मेँ द्रविड़ परिवार की भाषाओँ के शब्द भी मिलते हैँ, किन्तु द्रविड़ भाषाओँ को विदेशी भाषा नहीँ कहा जा सकता है। इसलिए विदेशी भाषा का ‘देश से बाहर की भाषा’ अर्थ लेने से अव्यप्ति दोष आ जाएगा। हिन्दी भाषा अपने उद्भव से लेकर आज तक अनेक भाषाओँ के सम्पर्क मेँ आयी जिनमेँ से प्रमुख हैँ—अरबी, फारसी, तुर्की, अंग्रेजी, पुर्तगाली व फ्रेँच।
विदेशी भाषाओँ से आये तत्सम् एवं तद्भव शब्द इस वर्ग मेँ रखे जाते है। दूसरे ‘विदेशी’ या विदेश शब्द का अर्थ भारतीय आर्य परिवार से मित्र भाषाएँ लिया जाना चाहिए, क्योँकि हिन्दी मेँ द्रविड़ परिवार की भाषाओँ के शब्द भी मिलते हैँ, किन्तु द्रविड़ भाषाओँ को विदेशी भाषा नहीँ कहा जा सकता है। इसलिए विदेशी भाषा का ‘देश से बाहर की भाषा’ अर्थ लेने से अव्यप्ति दोष आ जाएगा। हिन्दी भाषा अपने उद्भव से लेकर आज तक अनेक भाषाओँ के सम्पर्क मेँ आयी जिनमेँ से प्रमुख हैँ—अरबी, फारसी, तुर्की, अंग्रेजी, पुर्तगाली व फ्रेँच।
(6) संकर शब्द –
संकर शब्द वे शब्द होते हैँ, जो दो मित्र भाषाओँ के शब्दोँ से मिलकर सामाजिक शब्दोँ के रूप मेँ निर्मित होते हैँ। ये शब्द भी हिन्दी मेँ प्रयुक्त होते हैँ। जैसे –
• रेलगाड़ी (अंग्रेजी+हिन्दी),
• बमवर्षा (अंग्रेजी+संस्कृत),
• नमूनार्थ (फारसी+संस्कृत),
• सजाप्राप्त (फारसी+संस्कृत),
• रेलयात्रा (अंग्रेजी+संस्कृत),
• जिलाधीश (अरबी+संस्कृत),
• जेब खर्च (पुर्तगाली+फारसी),
• रामदीन (संस्कृत+फारसी),
• रामगुलाम (संस्कृत+फारसी),
• हैड मुनीम (अंग्रेजी+हिन्दी),
• शादी ब्याह (फारसी+हिन्दी),
• तिमाही (हिन्दी+फारसी) ।
संकर शब्द वे शब्द होते हैँ, जो दो मित्र भाषाओँ के शब्दोँ से मिलकर सामाजिक शब्दोँ के रूप मेँ निर्मित होते हैँ। ये शब्द भी हिन्दी मेँ प्रयुक्त होते हैँ। जैसे –
• रेलगाड़ी (अंग्रेजी+हिन्दी),
• बमवर्षा (अंग्रेजी+संस्कृत),
• नमूनार्थ (फारसी+संस्कृत),
• सजाप्राप्त (फारसी+संस्कृत),
• रेलयात्रा (अंग्रेजी+संस्कृत),
• जिलाधीश (अरबी+संस्कृत),
• जेब खर्च (पुर्तगाली+फारसी),
• रामदीन (संस्कृत+फारसी),
• रामगुलाम (संस्कृत+फारसी),
• हैड मुनीम (अंग्रेजी+हिन्दी),
• शादी ब्याह (फारसी+हिन्दी),
• तिमाही (हिन्दी+फारसी) ।
कुछ विदेशी शब्द
♦ अरबी शब्द :
गरीब, मालिक, कैदी, औरत, रिश्वत, कलम, अमीर, औलाद, दिमाग, तरक्की, तरफ, तकिया, जालिम, जलसा, जनाब, जुलूस, खबर, कायदा, शराब, हमला, हाकिम, हक, हिसाब, मतलब, कसरत, कसर, कसूर, उम्र, ईमानदार, इलाज, इमारत, ईनाम, आदत, आखिर, मशहूर, मौलवी, मुहावरा, मदद, फायदा, नशा, तमीज, तबियत, तबला, तबादला, तमाम, दावत, आम, फकीर, अजब, अजीब, अखबार, असर, अल्ला, किस्मत, खत, जिक्र, तजुरबा, दुनिया, बहस, मुकदमा, वकील, हमला, अहमक, ईमान, किस्त, खत्म, जवाब, तादाद, दिन, दुकान, दलाल, बाज, फैसला, मामूली, मालूम, मुन्सिफ, मजमून, वहम, लायक, वारीस, हाशिया, हाल, हाजिर, अदा, आसार, आदमी, औसत, कीमत, कुर्सी, जिस्म, तमाशा, तारीफ, तकदीर, तकाजा, तमाम, एहसान, किस्सा, किला, खिदमत, दाखिल, दौलत, बाकी, मुल्क, यतीम, लफ्ज, लिहाज, हौसला, हवालात, मौसम, मौका, कदम, इजलास, नकल, नहर, मुसाफिर, कब्र, इज्जत, इमारत, कमाल, ख्याल, खराब, तारीख, दुआ, दफ्तर, दवा, मुद्दई, दवाखाना, मौलवी, ताज, मशाल, शेख, इरादा, इशारा, तहसील, हलवाई, नकद, अदालत, लगान, वालिद, खुफिया, कुरान, अरबी, मीनार, खजाना, ऐनक, खत आदि।
गरीब, मालिक, कैदी, औरत, रिश्वत, कलम, अमीर, औलाद, दिमाग, तरक्की, तरफ, तकिया, जालिम, जलसा, जनाब, जुलूस, खबर, कायदा, शराब, हमला, हाकिम, हक, हिसाब, मतलब, कसरत, कसर, कसूर, उम्र, ईमानदार, इलाज, इमारत, ईनाम, आदत, आखिर, मशहूर, मौलवी, मुहावरा, मदद, फायदा, नशा, तमीज, तबियत, तबला, तबादला, तमाम, दावत, आम, फकीर, अजब, अजीब, अखबार, असर, अल्ला, किस्मत, खत, जिक्र, तजुरबा, दुनिया, बहस, मुकदमा, वकील, हमला, अहमक, ईमान, किस्त, खत्म, जवाब, तादाद, दिन, दुकान, दलाल, बाज, फैसला, मामूली, मालूम, मुन्सिफ, मजमून, वहम, लायक, वारीस, हाशिया, हाल, हाजिर, अदा, आसार, आदमी, औसत, कीमत, कुर्सी, जिस्म, तमाशा, तारीफ, तकदीर, तकाजा, तमाम, एहसान, किस्सा, किला, खिदमत, दाखिल, दौलत, बाकी, मुल्क, यतीम, लफ्ज, लिहाज, हौसला, हवालात, मौसम, मौका, कदम, इजलास, नकल, नहर, मुसाफिर, कब्र, इज्जत, इमारत, कमाल, ख्याल, खराब, तारीख, दुआ, दफ्तर, दवा, मुद्दई, दवाखाना, मौलवी, ताज, मशाल, शेख, इरादा, इशारा, तहसील, हलवाई, नकद, अदालत, लगान, वालिद, खुफिया, कुरान, अरबी, मीनार, खजाना, ऐनक, खत आदि।
♦ फारसी शब्द :
जबर, जोर, जीन, जहर, जंग, माशा, राह, पलंग, दीवार, जान, चश्मा, गोला, किनारा, आफत, आवारा, कमरबंद, गल्ला, चिराग, जागीर, ताजा, नापसन्द, मादा, रोगन, रंग, बेरहम, नाव, तनख्वाह, जादू, चादर, गुम, किशमिश, आमदनी, आराम, अदा, कुश्ती, खूब, खुराक, गोश्त, गुल, ताक, तीर, तेज, दवा, दिल, दिलेर, बेहूदा, बहरा, बेवा, मरहम, मुर्गा, मीन, आतीशबाजी, आबरू, आबदार, अफसोस, कमीना, खुश, खरगोश, खामोश, गुलाब, गुलुबन्द, चाशनी, चेहरा, चूँकि, चरखा, तरकश, जोश, जिगर, जुर्माना, दंगल, दरबार, दुकान, देहात, पैमाना, मोर्चा, मुफ्त, पेशा, पारा, मलीदा, पुल, मजा, पलक, मुर्दा, मलाई, पैदावार, दस्तूर, शादी, वापिस, वर्ना, हजार, हफ्ता, सौदागर, सूद, सरकार, सरदार, लश्कर, सितार, सुर्ख, लगाम, लेकिन, सितारा, चापलूसी, गन्दगी, बर्फ, बीमार, नमूना, नमक, जमीँदार, अनार, बाग, जिन्दगी, जनाना, कारखाना, तख्त, बाजार, रोशनदान, चिलम, हुक्का, अमरूद, गवाह, जलेबी, किसमिस, कारीगर, पर्दा, कबूतर, चुगलखोर, शिकार, चापलूसी, चालाक, प्याला, रूमाल, आन, आबरू, आमदनी, अंजाम, अंजुमन, अन्दाज, अगर, अगरचे, अगल, बगल, आफत, आवाज, आईना, किनारा, गर्द, गीला, गिरह, नेहरा, तीन, नाजुक, नापाक, पाजी, परहेज, याद, बेरहम, तबाह, आजमाइश, जल्दी आदि।
जबर, जोर, जीन, जहर, जंग, माशा, राह, पलंग, दीवार, जान, चश्मा, गोला, किनारा, आफत, आवारा, कमरबंद, गल्ला, चिराग, जागीर, ताजा, नापसन्द, मादा, रोगन, रंग, बेरहम, नाव, तनख्वाह, जादू, चादर, गुम, किशमिश, आमदनी, आराम, अदा, कुश्ती, खूब, खुराक, गोश्त, गुल, ताक, तीर, तेज, दवा, दिल, दिलेर, बेहूदा, बहरा, बेवा, मरहम, मुर्गा, मीन, आतीशबाजी, आबरू, आबदार, अफसोस, कमीना, खुश, खरगोश, खामोश, गुलाब, गुलुबन्द, चाशनी, चेहरा, चूँकि, चरखा, तरकश, जोश, जिगर, जुर्माना, दंगल, दरबार, दुकान, देहात, पैमाना, मोर्चा, मुफ्त, पेशा, पारा, मलीदा, पुल, मजा, पलक, मुर्दा, मलाई, पैदावार, दस्तूर, शादी, वापिस, वर्ना, हजार, हफ्ता, सौदागर, सूद, सरकार, सरदार, लश्कर, सितार, सुर्ख, लगाम, लेकिन, सितारा, चापलूसी, गन्दगी, बर्फ, बीमार, नमूना, नमक, जमीँदार, अनार, बाग, जिन्दगी, जनाना, कारखाना, तख्त, बाजार, रोशनदान, चिलम, हुक्का, अमरूद, गवाह, जलेबी, किसमिस, कारीगर, पर्दा, कबूतर, चुगलखोर, शिकार, चापलूसी, चालाक, प्याला, रूमाल, आन, आबरू, आमदनी, अंजाम, अंजुमन, अन्दाज, अगर, अगरचे, अगल, बगल, आफत, आवाज, आईना, किनारा, गर्द, गीला, गिरह, नेहरा, तीन, नाजुक, नापाक, पाजी, परहेज, याद, बेरहम, तबाह, आजमाइश, जल्दी आदि।
♦ अंग्रेजी शब्द :
डाक्टर, टेलीफोन, टैक्स, टेबल, अफसर, कमेटी, एजेन्ट, कमीशन, नर्स, कम्पाउंडर, कालेज, जेल, होल्डर, बॉक्स, गैस, चेयरमैन, अपील, टिकिट, कोर्ट, गिलास, सिनेमा, नम्बर, पैन्सिल, रबर, रजिस्टर, प्रेस, समन, थियटर, डिग्री, बोतल, मील, कैप्टन, पैन, फाउन्टेन, ड्राइवर, डिस्ट्रिक्ट, डिप्टी, ट्यूशन, काउन्सिल, क्रिकेट, क्वार्टर, कम्पनी, एजेन्सी, इयरिँग, इन्टर, इंच, मीटिँग, केम, पाउडर, पैट्रोल, पार्सल, प्लेट, पार्टी, दिसम्बर, थर्मामीटर, ऑफिस, ड्रामा, ट्रक, कैलेण्डर, आंटी, बैग, होमवर्क, मजिस्ट्रेट, पोस्टमैन, कमेटी, कूपन, डबल, कम्पनी, ओवरकोट, कमीशन, फोटो, इंस्पेक्टर, राशन, गार्ड, रेल, लाइन, रिकार्ड, सूटकेस, हाईकोर्ट, मशीन, डायरी, मिनट, रेडियो, स्कूल, हॉस्टल, सर्कस, स्टेशन, फुटबॉल, टॉफी, प्लेटफार्म, टाइप, पाउडर, पास, नोटिस आदि।
डाक्टर, टेलीफोन, टैक्स, टेबल, अफसर, कमेटी, एजेन्ट, कमीशन, नर्स, कम्पाउंडर, कालेज, जेल, होल्डर, बॉक्स, गैस, चेयरमैन, अपील, टिकिट, कोर्ट, गिलास, सिनेमा, नम्बर, पैन्सिल, रबर, रजिस्टर, प्रेस, समन, थियटर, डिग्री, बोतल, मील, कैप्टन, पैन, फाउन्टेन, ड्राइवर, डिस्ट्रिक्ट, डिप्टी, ट्यूशन, काउन्सिल, क्रिकेट, क्वार्टर, कम्पनी, एजेन्सी, इयरिँग, इन्टर, इंच, मीटिँग, केम, पाउडर, पैट्रोल, पार्सल, प्लेट, पार्टी, दिसम्बर, थर्मामीटर, ऑफिस, ड्रामा, ट्रक, कैलेण्डर, आंटी, बैग, होमवर्क, मजिस्ट्रेट, पोस्टमैन, कमेटी, कूपन, डबल, कम्पनी, ओवरकोट, कमीशन, फोटो, इंस्पेक्टर, राशन, गार्ड, रेल, लाइन, रिकार्ड, सूटकेस, हाईकोर्ट, मशीन, डायरी, मिनट, रेडियो, स्कूल, हॉस्टल, सर्कस, स्टेशन, फुटबॉल, टॉफी, प्लेटफार्म, टाइप, पाउडर, पास, नोटिस आदि।
♦ तुर्की शब्द :
लफंगा, चिक, चेचक, लाश, कुर्की, मुगल, कुली, कैँची, बहादुर, कज्जाक, बेगम, काबू, तलाश, कालीन, तोप, तमगा, आगा, उर्दू, चमना, जाजिम, चुगुल, सुराग, सौगात, उजबक, चकमक, बावर्ची, मुचलका, गलीचा, चमचा, बुलबुल, दरोगा, चाकू, बारुद, अरमान आदि।
लफंगा, चिक, चेचक, लाश, कुर्की, मुगल, कुली, कैँची, बहादुर, कज्जाक, बेगम, काबू, तलाश, कालीन, तोप, तमगा, आगा, उर्दू, चमना, जाजिम, चुगुल, सुराग, सौगात, उजबक, चकमक, बावर्ची, मुचलका, गलीचा, चमचा, बुलबुल, दरोगा, चाकू, बारुद, अरमान आदि।
♦ पुर्तगाली शब्द :
तौलिया, तिजोरी, चाबी, गमला, कारतूस, आलपिन, अचार, कमीज, कॉफी, तम्बाकू, साबुन, फीता, किरानी, बाल्टी, आलमारी, अन्नानास, अलकतरा, काजू, मस्तुल, पिस्तौल, नीलाम, गोदाम, किरच, कमरा, कनस्तर, संतरा, पीपा, मिस्त्री, बिस्कुट, परात, बोतल, काज, पपीता, मेज, आलू आदि।
तौलिया, तिजोरी, चाबी, गमला, कारतूस, आलपिन, अचार, कमीज, कॉफी, तम्बाकू, साबुन, फीता, किरानी, बाल्टी, आलमारी, अन्नानास, अलकतरा, काजू, मस्तुल, पिस्तौल, नीलाम, गोदाम, किरच, कमरा, कनस्तर, संतरा, पीपा, मिस्त्री, बिस्कुट, परात, बोतल, काज, पपीता, मेज, आलू आदि।
♦ फ्रांसीसी शब्द :
पुलिस, कर्फ्यू, अंग्रेज, इंजन, कारतूस, कूपन, इंजिनियर, रेस्तरां, फिरंगी, फ्रेँचाइज, फ्रांस आदि।
पुलिस, कर्फ्यू, अंग्रेज, इंजन, कारतूस, कूपन, इंजिनियर, रेस्तरां, फिरंगी, फ्रेँचाइज, फ्रांस आदि।
♦ यूनानी शब्द :
टेलीफोन, डेल्टा, एटम, टेलीग्राफ आदि।
टेलीफोन, डेल्टा, एटम, टेलीग्राफ आदि।
♦ डच शब्द :
तुरुप, बम।
तुरुप, बम।
♦ चीनी शब्द :
चाय, लीची, तूफान आदि।
चाय, लीची, तूफान आदि।
♦ तिब्बती शब्द :
डांडी।
डांडी।
♦ ग्रीक शब्द :
दाम, सुरंग आदि।
दाम, सुरंग आदि।
♦ जापानी शब्द :
रिक्शा, झम्पान आदि।
रिक्शा, झम्पान आदि।
♦ तत्सम — तद्भव
अंक – आँकअंगरक्षक – अँगरखा
अंगुलि – अँगुली
अक्षर – अच्छर
अक्षत – अच्छत
अक्षय तृतीया – आखातीज
अंगुष्ट – अँगूठा
अक्षि – आँख
अकार्य – अकाज
अखिल – आखा
अग्नि – आग
अगम्य – अगम
अग्रवर्ती – अगाड़ी
अज्ञान – अजान
अज्ञानी – अनजाना
अट्टालिका – अटारी
अमावस्या – अमावस
अष्ट – आठ
अष्टादश – अठारह
अद्य – आज
अर्द्ध – आधा
अनार्य – अनाड़ी
अन्नाद्य – अनाज
अन्धकार – अँधेरा
अर्क – आक
अमृत – अमिय
अमूल्य – अमोल
अन्यत्र – अनत
अश्रु – आँसू
अम्बा – अम्मा
अम्लिका – इमली
अशीति – अस्सी
आखेट – अहेर
आम्र – आम
आमलक – आँवला
आम्रचूर्ण – अमचूर
आभीर – अहीर
आदेश – आयुस
आलस्य – आलस
आश्रय – आसरा
आश्चर्य – अजरज
आश्विन – आसोज
आशिष् – असीस
इक्षु – ईख
इष्टिका – ईंट
उच्च – ऊँचा
उज्ज्वल – उजला
उत्साह – उछाह
उद्वर्तन – उबटन
उपालम्भ – उलाहना
उपाध्याय – ओझा
उलूक – उल्लू
उलूखल – ओखली
ऊष्ण – उमस
ऋक्ष – रीछ
ओष्ठ – ओँठ
ॐ – ओम
कंकण – कंगन
कंटक – कांटा
क्षत्रिय – खत्री
क्षार – खार
क्षेत्र – खेत
क्षीर – खीर
क्षति – छति
क्षण – छिन
क्षीण – छीन
कच्छप – कछुआ
कज्जल – काजल
कदली – केला
कर्पूर – कपूर
कृपा – किरपा
कर्त्तरी – कैंची
कर्ण – कान
कृषक – किसान
कर्तव्य – करतब
कटु – कडुआ
कर्तन – कतरन
कल्लोल – कलोल
क्लेश – कलेश
कर्म – काम
कृष्ण – कान्हा
कपर्दिका – कौड़ी
कपोत – कबूतर
काक – कौआ
कार्य – कारज, काज
कार्तिक – कातिक
कास – खाँसी
काष्ठ – काठ
किंचित – कुछ
किरण – किरन
कुक्कुर – कुत्ता
कुक्षि – कोख
कुपुत्र – कपूत
कुंभकार – कुम्हार
कुमार – कुँअर
कुष्ठ – कोढ़
कूप – कुँआ
कोकिला – कोयल
कोण – कोना
कोष्ठिका – कोठी
खनि – खान
खटवा – खट
गंभीर – गहरा
गर्दभ – गधा
गर्त – गड्ढा
ग्रंथि – गाँठ
गृद्ध – गिद्ध
गृह – घर
गर्भिणी – गाभिन
ग्रहण – गहन
गहन – घना
गात्र – गात
गायक – गवैया
ग्राहक – गाहक
ग्राम – गाँव
ग्रामीण – गँवार
गुहा – गुफा
गोंदुक – गेंद
गोधूम – गेहूँ
गोपालक – ग्वाला
गोमय – गोबर
गोस्वामी – गुसाईं
गौ – गाय
गौत्र – गोत
गौर – गोरा
घंटिका – घंटी
घट – घड़ा
घृणा – घिन
घृत – घी
चंचु – चोँच
चंद्र – चाँद
चुंबन – चूमना
चंद्रिका – चाँदनी
चक्र – चाक
चक्रवाहक – चकवा
चतुर्थ – चौथा
चतुर्दश – चौदह
चतुष्कोण – चौकोर
चतुष्पद – चौपाया
चतुर्विंश – चौबीस
चर्म – चाम, चमड़ी
चर्वण – चबाना
चिक्कण – चिकना
चित्रक – चीता
चित्रकार – चितेरा
चूर्ण – चून
चैत्र – चैत
चौर – चोर
छत्र – छाता
छाया – छाँह
छिद्र – छेद
जंघा – जाँघ
जन्म – जनम
ज्योति – जोत
जव – जौ
जामाता – जँवाई
ज्येष्ठ – जेठ
जिह्वा – जीभ
जीर्ण – झीना
झरण – झरना
तुंद – तोंद
तुंल – तंदुल
तप्त – तपन
तपस्वी – तपसी
त्वरित – तुरंत
त्रय – तीन
त्रयोदश – तेरह
तृण – तिनका
ताम्र – तांबा
तिलक – टीका
तीक्ष्ण – तीखा
तीर्थ – तीरथ
तैल – तेल
दंत – दाँत
दंतधावन – दातुन
दक्ष – दच्छ
दक्षिण – दाहिना
दधि – दही
दद्रु – दाद
दृष्टि – दीठि
द्वादश – बारह
द्वितीय – दूजा
द्विपट – दुपट्टा
द्विवेदी – दुबे
द्विप्रहरी – दुपहरी
दिशांतर – दिशावर
दीप – दीया
दीपश्लाका – दीयासलाई
दीपावली – दिवाली
दुःख – दुख
दुग्ध – दूध
दुर्बल – दुबला
दूर्वा – दूब
देव – दई
द्वौ – दो
धर्म – धरम
धत्तूर – धतूरा
धनश्रेष्ठी – धन्नासेठ
धरित्री – धरती
धान्य – धान
धुर् – धुर
धूलि – धूल
धूम्र – धुँआ
धैर्य – धीरज
नक्षत्र – नखत
नग्न – नंगा
नकुल – नेवला
नव्य – नया
नप्तृ – नाती
नृत्य – नाच
नयन – नैन
नव – नौ
नापित – नाई
नारिकेल – नारियल
नासिका – नाक
निद्रा – नीँद
निम्ब – नीम
निर्वाह – निबाह
निष्ठुर – निठुर
नौका – नाव
पंक्ति – पंगत
पंचम – पाँच
पंचदश – पन्द्रह
पक्व – पका
पक्वान्न – पकवान
पक्ष – पंख
पथ – पंथ
पत्र – पत्ता
पक्षी – पंछी
पट्टिका – पाटी
पर्पट – पापड़
परश्वः – परसों
परशु – फरसा
पवन – पौन
परीक्षा – परख
पर्यंक – पलंग
पश्चाताप – पछतावा
प्रकट – प्रगट
प्रस्तर – पत्थर
प्रहर – पहर
प्रहरी – पहरेदार
प्रतिच्छाया – परछाँई
पृष्ठ – पीठ
पाद – पैर
पानीय – पानी
पाषाण – पाहन
पितृ – पितर
प्रिय – पिय
पिपासा – प्यास
पिपीलिका – चिँटी
पीत – पीला
पुच्छ – पूँछ
पुत्र – पूत
पुष्कर – पोखर
पूर्ण – पूरा
पूर्णिमा – पूनम
पूर्व – पूरब
पौत्र – पोता
पौष – पौ
फाल्गुन – फागुन
फुल्ल – फुल्का
बंध – बाँध
बंध्या – बाँझ
बर्कर – बकरा
बधिर – बहर
बलिवर्ध – बैल
बालुका – बालू
बुभुक्षित – भूखा
भक्त – भगत
भगिनी – बहन
भद्र – भला
भल्लुक – भालू
भ्रमर – भौंरा
भस्म – भस्मि
भागिनेय – भानजा
भ्राता – भाई
भ्रातृजाया – भौजाई
भ्रातृजा – भतीजी
भाद्रपद – भादो
भिक्षुक – भिखारी
भिक्षा – भीख
भ्रू – भौंहे, भौं
मकर – मगर
मक्षिका – मक्खी
मर्कटी – मकड़ी
मणिकार – मनिहार
मनीचिका – मिर्च
मयूर – मोर
मल – मैल
मशक – मच्छर
मशकहरी – मसहरी
मार्ग – मारग
मातुल – मामा
मास – महीना
मित्र – मीत
मिष्ठान्न – मिठाई/मिष्ठान
मुख – मुँह
मुषल – मूसल
मूत्र – पेशाब
मृत्यु – मौत
मृतघट – मरघट
मृत्तिका – मिट्टी
मेघ – मेह
मौक्तिक – मोती
यंत्र-मंत्र – जंतर-मंतर
यज्ञ – जग
यज्ञोपवीत – जनेऊ
यजमान – जजमान
यति – जती
यम – जम
यमुना – जमुना
यश – जस
यशोदा – जशोदा
यव – जौ
युक्ति – जुगत
युवा – जवान
यूथ – जत्था
योग – जोग
योगी – जोगी
यौवन – जोबन
रक्षा – राखी
रज्जु – रस्सी
राजपुत्र – राजपूत
राज्ञी – रानी
रात्रि – रात
राशि – रास
रिक्त – रीता
रुदन – रोना
रूष्ट – रूठा
लक्ष – लाख
लक्षण – लक्खन/लच्छन
लक्ष्मण – लखन
लज्जा – लाज
लवंग – लौंग
लवण – नौन/लूण
लवणता – लुनाई
लेपन – लीपना
लोमशा – लोमड़ी
लौह – लोहा
लौहकार – लुहार
वंश – बाँस
वंशी – बाँसुरी
वक्र – बगुला
वज्रांग – बजरंग
वट – बड़
वर्ण – वरन
वणिक – बनिया
वत्स – बछड़ा/बेटा
वधू – बहू
वरयात्रा – बारात
व्याघ्र – बाघ
वाणी – बैन
वानर – बंदर
वार्ताक – बैँगन
वाष्प – भाप
विँश – बीस
विकार – बिगाड़
विवाह – ब्याह
विष्ठा – बीँट
वीणा – बीना
वीरवर्णिनी – बीरबानी
वृद्ध – बुड्ढा
वृश्चिक – बिच्छू
श्मश्रु – मूँछ
श्मशान – मसान
श्याली – साली
श्यामल – साँवला
श्वसुर – ससुर
श्वश्रू – सास
श्वास – साँस
शकट – छकड़ा
शत – सौ
शय्या – सेज
शर्करा – शक्कर
श्रावण – सावन
शाक – साग
शाप – श्राप
शृंग – सीँग
शिशिँपा – सरसोँ
शिक्षा – सीख
शुक – सुआ
शुण्ड – सूँड
शुष्क – सूखा
शूकर – सुअर
शून्य – सूना
शृंगार – सिँगार
श्रेष्ठी – सेठ
संधि – सेँध
सत्य – सच
सप्त – सात
सप्तशती – सतसई
सर्प – साँप
सपत्नी – सौत
ससर्प – सरसोँ
स्कंध – कंधा
स्तन – थन
स्तम्भ – खम्भा
स्वजन – सजन/साजन
स्वप्न – सपना
स्वर्ण – सोना
स्वर्णकार – सुनार
सरोवर – सरवर
साक्षी – साखी
सूत्र – सूत
सूर्य – सूरज
सौभाग्य – सुहाग
हंडी – हाँड़ी
हट्ट – हाट
हर्ष – हरख
हरित – हरा
हरिद्रा – हल्दी
हस्तिनी – हथिनी
हस्त – हाथ
हस्ति – हाथी
हृदय – हिय
हास्य – हँसी
हिँदोला – हिँडोला
होलिका – होली
Great going ....
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