शब्द
♦ शब्द: प्रयोग–योग्य, एकार्थ–बोधक तथा परस्पर अन्वित वर्णों के समूह को शब्द कहते हैं। दूसरे शब्दों में एक या अनेक वर्णों के मेल से निर्मित स्वतंत्र एवं सार्थक ध्वनि ही शब्द कहलाती है। जैसे – एक वर्ण से निर्मित शब्द—न (नहीं) व (और), अनेक वर्णों से निर्मित शब्द—कुत्ता, शेर, कमल, नयन, प्रासाद, सर्वव्यापी, परमात्मा, बालक, कागज, कलम आदि। मनुष्य सामाजिक प्राणी है तथा वह समाज में भाषा के माध्यम से परस्पर विचार–विनिमय करता है। इस प्रक्रिया में जो वाक्य प्रयुक्त हैं, उनमें सार्थक शब्दों का प्रयोग करता है। शब्द किसी भाषा के प्राण हैं। बिना शब्दों के भाषा की कल्पना करना असंभव है। शब्द भाषा की एक स्वतंत्र एवं सार्थक इकाई है, जो एक निश्चित अर्थ का बोध कराती है। ♦ शब्द–भेद: हिन्दी भाषा, विकास की दीर्घ परम्परा और अनेक भाषाओं के सम्पर्क का परिणाम है। फलतः हिन्दी शब्दावली का वर्गीकरण अनेक आधारों पर किया जाता है।